इन Taxpayers के लिए 30 अगस्त का दिन है बेहद खास, अगर चूके तो लगेगा 5000 रुपये तक का जुर्माना
जिन लोगों ने इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई को जल्दबाजी में इनकम टैक्स (Income Tax) भरा होगा और बाद में आईटीआर वेरिफाई करने का विकल्प चुना होगा, उनके लिए 30 अगस्त का दिन आईटीआर को वेरिफाई (ITR Verification) करने का आखिरी दिन है.
अगर आप एक करदाता (Taxpayers) हैं तो आपके लिए कल 30 अगस्त यानी रक्षाबंधन (Rakshabandhan) का दिन बहुत ही खास है. दरअसल, जिन लोगों ने इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई को जल्दबाजी में इनकम टैक्स (Income Tax) भरा होगा और बाद में आईटीआर वेरिफाई करने का विकल्प चुना होगा, उनके लिए 30 अगस्त का दिन आईटीआर को वेरिफाई (ITR Verification) करने का आखिरी दिन है. अगर 30 अगस्त तक इन लोगों ने आईटीआर को वेरिफाई नहीं किया तो उनका आईटीआर इनवैलिड हो जाएगा.
30 दिन के अंदर आईटीआर वेरिफाई करना है जरूरी
आईटीआर फाइल करने के बाद आईटीआर को वेरिफाई करना बहुत जरूरी होता है. कुछ लोग उसी दिन आईटीआर वेरिफाई कर देते हैं तो कुछ लोग आने वाले दिनों में उसे वेरिफाई करने का विकल्प चुन लेते हैं. ऐसा नेटवर्क की दिक्कत या समय की कमी या किसी और तकनीकी दिक्कत के चलते किया जाता है. पहले आईटीआर फाइल करने के बाद 120 दिन के अंदर इनकम टैक्स वेरिफाई कराया जा सकता था, लेकिन अब आईटीआर वेरिफाई करने के लिए सिर्फ 30 दिन का ही वक्त दिया जाता है. ऐसे में 30 अगस्त को आईटीआर वेरिफाई कराने की मियाद खत्म हो रही है. पिछले साल 1 अगस्त से ही यह बदलाव लागू हो चुका है.
आयकर विभाग लगातार कर रहा सचेत
आयकर विभाग ने भी इसे लेकर ग्राहकों को सचेत करना शुरू कर दिया है. कुछ दिन पहले ही आयकर विभाग ने एक ट्वीट करते हुए कहा था कि आईटीआर फाइल करने के 30 दिन के भीतर उसे वेरिफाई जरूर करवा लें. अगर आप देरी करते हैं तो आपको इनकम टैक्स एक्ट-1961 के तहत लेट फीस चुकानी पड़ सकती है. आयकर विभाग ने आग्रह किया था कि देर ना करें, आज ही अपना रिटर्न वेरिफाई करें. ध्यान रहे कि अगर आप अपने आईटीआर का रिटर्न वेरिफाई नहीं करेंगे, तो उसे इनवैलिड माना जाएगा.
30 दिन के बाद रिटर्न वेरिफाई कराया तो क्या होगा?
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अगर आपने 30 दिन के बाद इनकम टैक्स रिटर्न को वेरिफाई कराया तो आयकर विभाग उस वेरिफिकेशन की तारीख को ही आपके रिटर्न फाइल करने की तारीख मानेगा. यानी ऐसी हालत में आपको उसी हिसाब से लेट फीस चुकानी होगी कि आपने आईटीआर ही देर से फाइल किया है. अगर आपकी टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये से कम है तो आपको 1000 रुपये की पेनाल्टी चुकानी होगी. वहीं अगर आपकी टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये से अधिक है तो आपको 5000 रुपये का जुर्माना देना पड़ेगा.
ITR e-verify करने के क्या हैं तरीके?
ई-वेरिफिकेशन का मतलब ही है ऑनलाइन वेरिफिकेशन, और हम यहां आपको ऑनलाइन वेरिफिकेशन के बारे में बताएंगे. आप अपना आईटीआर कई तरीकों से ई-वेरिफाई कर सकते हैं.
- आधार से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर OTP से
- आपके प्री-वैलिडेटेड बैंक अकाउंट के साथ जेनरेटेड EVC से
- आपके प्री-वैलिडेटेड डीमैट अकाउंट के साथ जेनरेटेड EVC से
- एटीएम (ऑफलाइन मेथड) में EVC से.
- नेटबैंकिंग से
- DSC यानी डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट से.
ITR ई-वेरिफाई कैसे करें?
स्टेप 1- सबसे पहले ई-फाइलिंग के पोर्टल पर जाएं और लॉग इन करें. होम पेज पर आपको e-verify Return का ऑप्शन दिखेगा, उसपर क्लिक करें.
स्टेप 2- ई-वेरिफाई रिटर्न पेज पर अपना PAN डालें, असेसमेंट ईयर चूज़ करें और आईटीआर के अकनॉलेजमेंट नंबर के साथ मोबाइल नंबर डालें, फिर कंटीन्यू पर क्लिक करें.
स्टेप 3- अब अपने मोबाइल नंबर पर आया हुआ 6 डिजिट का मोबाइल नंबर डालें और सबमिट कर दें.
स्टेप 4- लेकिन अगर आप आईटीआर फाइलिंग के 120/30 दिनों के बाद फाइल कर रहे हैं तो OK पर क्लिक करें.
स्टेप 5- आपको यहां condonation delay request डालनी होगी. और डिले क्यों हुआ है, उसका कारण बताना होगा, इसे ड्रॉपडाउन मेन्यू से सेलेक्ट कर सकते हैं.
स्टेप 7- अब ऊपर ई-वेरिफाई करने के तरीके जो बताए गए हैं, उनमें से कोई एक ऑप्शन चुनिए और फिर ई-वेरिफाई कर लीजिए.
06:00 PM IST